खुशखबरी, अब विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवा अपने राज्य में ही मिलेगी
सेहतराग टीम
भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गजब का क्षेत्रीय असंतुलन है। कुछ राज्यों में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं तो कुछ राज्यों में सामान्य सुविधाएं भी नहीं मिल पाती। बिहार, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है। दूसरी ओर दक्षिण के राज्यों में कई अस्पताल ऐसे हैं कि वहां दुनिया के दूसरे देशों से मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस सूची में दिल्ली एनसीआर शीर्ष पर है।
कहां से हुई शुरुआत
मगर अब सरकार इस स्थिति को बदलना चाहती है। केंद्र सरकार ने तय किया है कि देश के अलग-अलग राज्यों में स्थिति 73 सरकारी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक शुरू किए जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 19 अप्रैल को इंदौर में शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के निर्माण कार्य की औपचारिक शुरूआत करते हुए यह घोषणा की। मध्यप्रदेश में इंदौर के अलावा रीवा, जबलपुर और ग्वालियर के सरकारी अस्पतालों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक खोले जाने की योजना है।
किन इलाकों में बेहतर स्थिति
उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं में क्षेत्रीय असंतुलन है। दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में निजी और सरकारी क्षेत्र में उच्चस्तरीय चिकित्सा संस्थान बड़ी संख्या में हैं, जबकि अन्य भागों मे ऐसे बड़े अस्पतालों की कमी है। इसे देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र में उच्चस्तरीय विशेषज्ञ सेवाओं के प्रसार की जरूरत है और देश के 73 अस्पतालों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक खुलने के बाद इन संस्थानों की स्थिति मजबूत होगी।
मेडिकल शिक्षा में बड़े कदम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल के दौरान देश में चिकित्सा क्षेत्र के स्नातकोत्तर (पीजी) पाठ्यक्रमों की कुल सीटों को 30,000 से बढ़ाकर 54,000 के स्तर पर पहुंचा दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का लक्ष्य वर्ष 2019 तक इन्हें बढ़ाकर 70,000 सीटों तक ले जाने का है। इसी तरह, स्नातक (यूजी) पाठ्यक्रमों की कुल सीटों को बढ़ाकर एक लाख किए जाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में 164 बिस्तर होंगे। इसमें हृदय रोग, न्यूरोसर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और अंग प्रत्यारोपण समेत 10 विभागों में उच्चस्तरीय विशेषज्ञ सेवाएं दी जाएंगी। निर्माण कार्य को 21 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सुमित्रा महाजन भी मौजूद थीं और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को सुझाव दिया कि मरीजों की बड़ी तादाद के मद्देनजर देश भर के जिला अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है।
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